एलोपेसिया एरिटा
यह बालो के झड़ने की सबसे प्रचलित बीमारियों में से एक है। और यह त्वचा की वह समस्या है जो बालो के झड़ने का कारण होती है। सफेद रक्त कोशिकाए के आक्रमण होकर बालो के रोम को नष्ट क्र देने पर यह समस्या। सफेद रक्त कोशिकाए बालो के रोम में पैदा करके बीमारी का कारण बनती है। एलोपेसिया एरिटा की समस्या में व्यक्ति पूरी तरह से गंजा है। क्योकि वह फिर से बालो की वृद्धि की क्षमता की खो देता। यह गंजेपन के छोटे पेच की तरह स्केल्प से शुरू और फिर पुरे शरीर में फेल जाते है।
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एलोपेसिया एरिटा का इलाज
लम्बे समय से बालो के गिरने ,स्केल्प के एक बड़े हिस्से में बालो के कम होने या फिर से वृद्धि की संभावना कम होने पर इस समस्या का इलाज खुद से नहीं करना चाहिए। इस समस्या के इलाज के लिए कई प्रकार के विकल्प मौजूद है। इस समस्या के इलाज के लिए कई वर्षो तक निर्धारित स्टेरॉयड इंजेक्शन ,क्रीम ,लोशन और शेम्पू आदि दे सकते है।
एलोपेसिया यूनिवर्सालिस
एलोपेसिया यूनिवर्सालिस ,एलोपेसिया एरिटा कि तरह ही होता है। लेकिन यह शरीर के सभी भागो के बालो के झड़ने का कारण बनता है। दोनों अवस्था के बिच फर्क सिर्फ इतना है की यूनिवर्सालिस में बालो के झड़ने की समस्या बहुत अधिक होती है।
एलोपेसिया यूनिवर्सालिस का इलाज
एलोपेसिया एरिटा एलोपेसिया यूनिवर्सालिसका भी कोई मानक है। लेकिन बालो के रोम को जिन्दा रखकर बालो के झड़ने को 100 %रोककर फिर से विकास की संभावना को बढ़ाया जाता है। लेकिन इस बात को नहीं बताया जा सकता की बालो फिर से विकास कब होगा।
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बालो की बीमारियां और उनके इलाज - Ayurvedic Advise
Reviewed by Mr. Dinesh kumawat
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09:45
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