बच्चो को होने वाली हर तरह की फेफड़ो की समस्या एवं सक्रमण तथा लम्बी अवधि तक रहने वाली खासी आदि की समस्या में अस्थमा सबसे ज्यादा प्रचलित कारण है ,जिसे गलत तरिके से जाना एवं उपचारित किया गया है। साँस लेने में कठिनाई होती है ,सीने जकड़न जैसा महसूस होता है ,दमा का रोगी जब साँस लेता है तब एक घरघराहट जैसी आवाज होती है। साँस तेज लेते हुए पसीना आने लगता है ,बेचैनी महसूस होती है ,सिर भारी - भारी लगता है ,जोर - जोर से साँस लेने से थकावट महसूस होती है। अस्थमा के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले लक्षण है। अगर आपके बच्चे लम्बे समय से खासी परेशान है तो उसकी अस्थमा की जांच अवश्य ही कराये। असथमा से फेफड़ो को नुकसान पहुँचता है। इसलिए आप अच्छी से अच्छी दवाइयाँ ले। ताकि जल्दी से ठीक हो जाएं हर व्यक्ति में अस्थमा के लक्षण एक समान नहीं होते है ,लेकिन अस्थमा के रोगी में इन लक्षणों का उतर चढ़ाव दिख सकता है। कुछ लोगो को लम्बे समय के बाद अस्थमा के लक्षण दिखाई देते है और फिर अस्थमा का अटैक आ जाता है।
बच्चो में अस्थमा के लक्षण कैसे दिखाई देते है। [ Ayurvedic Advise ]
Reviewed by
Mr. Dinesh kumawat
on
09:18
Rating:
5
No comments: